हिन्दी फ़िल्म-नाईट
शुक्रवार रात को मेरे यहाँ हिन्दी फ़िल्मी नाइट हुआ था। बहुत हिन्दी भाषा के विद्यार्थियाँ और हमारे शिक्षक विजय हिन्दी फ़िल्म देखने के लिए आए। विजय जी ने और मेरी पत्नी विदुला ने रसोईघर में पकोड़े और बटाटे वाडे बनाए। हमारे दो महाराज ने बहुत लज़ाज़ और स्वदिष्ट खाना बनाया। बाकी लोग ने सिर्फ़ बीर और आलू चिप्स लाए, हंस सिवय जिसने खीर बनाकर लाया। जो फ़िल्म हमने देखी उसका नाम ‘Black’ था। फ़िल्म शुरू कर जाने के पहले हंस और मैँ मौलिक पंजाबी भंग्रा नाच नाचे। नाच सफल था क्योंकि मैं गिरे बिना नाच सका। फ़िल्मी नाइट बड़ी सफलता थी, इसलिए कि इतना मज़ा नहीं आया।
ज्योंही कार्यक्रम ख़त्म हुआ त्योंही सब लोग अपने लिविंग रूम साफ़ करके एक एक घर से निकले। मैं और विदुला अकेले फ़िर थे। हम दोनों ने घर साफ़ कर गया और थोड़े समय के बाद हम सो गए। मेरे ख़्याल में हम लोगों को थोड़े देर से दुसरा हिन्दी फ़िल्मी नाइट का इंतज़ाम करना चाहिए। सेमेस्टर का अंत जल्दी से आ रहा है और इस सेमेस्टर ख़त्म होकर बैठा ही होगा कि विदुला और मैं मैडिसन से मिनियैपोलिस तक शिफ़्ट करेंगे। कम-से-कम और एक ऐसा फ़िल्मी नाइट होना चाहिए क्योंकि मेरे मैडिसन के दिन बहुत दिनों तक नहीं रहेंगे।
(POSTED BY MIKE COGGINS)